दवा दिल की बन दिलरुबा दिल खिला दो।
बहुत प्यास है जाम ए लब ये पिला दो।।
ना शरमाओ चिलमन हटाओ जरा ये,
कि मदहोश कर दो उठाओ निगाहें।
सिमट जाओ बाहों में तुम पास आके,
कि जिससे शुरू प्यार का सिलसिला हो।।
घटाओं में जुल्फों की हमको छुपा लो,
मुहब्बत के दरिया में हमको डुबा लो।
यों खो जायें तुममें ज्यों भँवरा कँवल में,
सनम अपनी सासों में हमको बसा लो।।
तुम्हें देख चंदा हुआ पानी पानी,
हमें मार डालेगी तेरी जवानी।
खुदा की महरबानी ओ मेरी रानी ,
शुचि स्नेह में दीप का दिल डुबा दो।।
Tuesday, February 24, 2009
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ना शरमाओ चिलमन हटाओ जरा ये,
ReplyDeleteकि मदहोश कर दो उठाओ निगाहें।
सिमट जाओ बाहों में तुम पास आके,
कि जिससे शुरू प्यार का सिलसिला हो।।
dil ko chu gai aapki rachna