Friday, March 27, 2009

हो मुबारक साल ये तुमको नया

27 मार्च: 'शुभकृत्' नामक विक्रम सम्वत्सर 2066 प्रारम्भ, नवसंवत्सरोत्सव, नवपंचांग फल-श्रवण, ध्वजारोहण, वासंतिक नवरात्र प्रारम्भ, कलश (घट) स्थापना, आरोग्य व्रत, तिलक व्रत, विद्या व्रत, गुडी पडवा (महाराष्ट्र), डॉ. हेडगेवार जयंती, गौतम ऋषि जन्मतिथि, आर्य समाज स्थापना दिवस के शुभावसर पर---

जिन्दगी में हर खुशी तुमको मिले।
छाया गम की ना कभी तुम पर पड़े।।
मान कर अपना सहारा ईश को ।
सीढया उत्कर्ष की चढ़ते रहो।।

भूलकर भी भूल कभी तुम ना करो ।
पाप पंकिल में कभी तुम ना पड़ो।।
चरण चूमेंगी सफलतायें स्वयं ।
लक्ष्य पर अपने सदा बढ़ते रहो ।।

शूलों में भी फूल से खिलते रहो ।
रात्रि में संदीप से जलते रहो।।
हो मुबारक साल ये तुमको नया ।
भाग्य अपना तुम स्वयं गढ़ते रहो।।

4 comments:

  1. सून्दर प्रयास। बहुत बहुत बधाई

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  2. बहुत बढिया लिखा आपने ...

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  3. Sandeep ji,

    Is naye zamane ko naye sire se apni sasnskritik parampara se jod kar naye varsh ke vishay main batane aur mangal kamana karne ke liye bahut- bahut dhanywaad.

    shailja

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  4. सरल और सुंदर कविता..
    नव वर्ष की मंगलकामनायें !

    -अमरेन्द्र

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