Tuesday, February 10, 2009

असल बाप आतंकवाद का

असल बाप आतंकवाद का

अरब है या अमरीका है।

हुआ रूस के चक्कर में

भारत भी अदू सरीखा है॥


मंसूबे नापाक पाक

उकसाया काश्मीर देखो।

सरहद पार तराशे सब

खालिस्तानी तीर देखो॥

संदेहास्पद आइ एस आइ का

हर एक तौर तरीका है।


बना सिमि सीमा के भीतर

होकर अब आइ एम मजबूत ।

लोकतंत्र को दफ़नाने को

मजहब बना रहा ताबूत॥

इस्लामिक उन्माद ही क्यों

हर आतंकी में दीखा है ॥


हर सवाल का अल जवाहिरी

देता है अब वैब जवाब।

तालिबान पढ़ें अलकायदा

कट्टर पंथी गढ़ें हैं ख्वाब॥

बेरोजगार जवानों ने

बारूदी इल्म ही सीखा है॥


मुम्बई जयपुर अहमदाबाद

हुई हाय दिल्ली बर्बाद।

देशद्रोह को जाफ़र की

औलाद कहे फिर भी जेहाद

फांसी के फतवे जारी

होते जो होती टीका है ।।


नौ ग्यारह के बाद हुआ

नौ दो ग्यारह लादेन कहाँ।

क्या कहना अब भी मुश्किल

ना-पाक इरादे मुल्क जहाँ॥

खिसियाई बिल्ली सा बुश का

हो गया चेहरा फीका है ॥

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