Sunday, September 13, 2009
हिंदी दिवस की शुभकामनाय़ें
भारतमाता के भव्यभाल की है बिन्दी हिंदी
पहचान आन बान शान स्वाभिमान है।
न्यारी प्राणप्यारी प्रजा सारी बलिहारी भव्य-
भाषा है हमारी दिव्य-देश हिंदुस्तान है॥
चमाचम चमकेगी चारु चंद्रिका सी शुचि
रुचिरा गंभीरा गिरा गरिमा महान है।
देवभाषा सुता भद्रभाव भूषिता है हिन्दी
होनी विश्वभाषा अरे दीप का ऐलान है॥२॥
नहीं मात्रभाषा बल्कि मेरी मातृभाषा प्यारी
हिंदी हिंदुस्तान का हृदय हुलसाती है॥
खुसरो अमीर खानखाना वो अब्दुर्रहीम
सूर तुलसी कबीर काव्य कुल थाती है॥
भूषण भणे हैं इसी भाषा में कमाल लाल
छ्त्रसाल-यश, शिवा-बावनी गुँजाती है॥
खड़ीबोली लल्लूलाल भारतेंदु से निखर
विश्वभाषा बन रोम रोम पुलकाती है॥१॥
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बहुत बढ़िया
ReplyDeleteहिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामना . हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार का संकल्प लें .
दीप् जी बहुत सुन्दर रचना है हिन्दी दिवस पर बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteसचमुच भाषा भारतमाता की बिन्दी है और इसका सुहाग भी .. इसकी रक्षा हमें करनी ही होगी .. ब्लाग जगत में आज हिन्दी के प्रति सबो की जागरूकता को देखकर अच्छा लग रहा है .. हिन्दी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteहैलो, लेडीज़ एंड जैंटलमैन, टूडे हमको हिंडी डे मनाना मांगटा...
ReplyDeleteअंग्रेज़ चले गए लेकिन अपनी....छोड़ गए...